kalyug kab khatm hoga - कलयुग कब खत्म होगा
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आप सभी का आज की मेरी इस पोस्ट में। आज इस पोस्ट में मैं आप लोगों को बताऊंगा कि kalyug kab khatm hoga. बस आप सभी मेरी इस पोस्ट पर अंत तक बने रहिए।
दोस्तो विष्णु पुराण, भविष्य पुराण समेत कई पुराणों में कलयुग से सम्बंधित भविष्यवाणियां की गई हैं। इनके हिसाब से कलयुग 3102 ईसा पूर्व में आरम्भ हुआ था। अभी कलयुग को सिर्फ 5000 साल ही बीते हैं। अभी कलयुग का अंत होने में 426882 साल और बाकी हैं तो चलिए जानते हैं कि कलयुग कब खत्म होगा से सम्बंधित और कई सारे सवालों के बारे में।
कलयुग कब खत्म होगा?
ये सवाल आप लोगों के मन में कभी न कभी जरूर आता होगा कि दुनिया में जितने भी दुख हैं, यदि वे सारे दुःख कलयुग की वजह से हैं तो फिर इस कलयुग का अंत कब होगा? हमारे आसपास पाप बढ़ते ही चले जा रहे हैं। हम लोग रोज ऐसी ऐसी घटनाएं देखते व सुनते हैं, जिससे कि हम लोगों को काफी शर्म महसूस होती है। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जोकि दुख के सागर में पूरी तरह से डूब चुके हैं। ऐसे लोगों को हर एक पल ये इंतजार रहता है कि उनके दुख दूर करने के लिए भगवान फिर से धरती पर कोई नया अवतार लेंगे या फिर कोई ऐसा करिश्मा अथवा चमत्कार होगा, जिससे कि कलयुग का स्वत: ही अंत हो जाएगा। यदि हम लोग कलयुग के अंत की बात करें, तो विष्णु पुराण में कलयुग के अंत से जुड़े कुछ रहस्य बताए गए हैं तोष्यवाणियां। चलिए जानते हैं कि कलयुग का अंत कब होगा और इससे सम्बंधित विष्णु पुराण की कुछ भविष्यावाणियों के बारे में।
कलयुग क्या है
द्वापर युग के बाद से कलयुग की शुरुआत हुई है। हम लोग आए दिन ये बात सुनते रहते हैं कि कलयुग के आने से ही धरती पर पाप बढ़े हैं। ऐसी स्थिति में हम जानेंगे कि कलयुग आखिर है क्या? विष्णु पुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, भविष्य पुराण इत्यादि इन सभी पुराणों में कलयुग के बारे में विस्तार से बताया गया है। कलयुग के अर्थ को समझें तो कलयुग का सीधा साधा अर्थ होता है काला युग यानी की एक परछाई या फिर आभासी युग। कलयुग के कालेपन में सारे रंग कहीं न कहीं गुम हो जाते हैं और कोई सच भी हमको झूठ जैसा ही महसूस होता है। इसलिए कलयुग का अर्थ हुआ कलह-क्लेश का युग, जहां प्रत्येक मनुष्य के मन में एकअसंतोष की भावना भरी हुई है। सभी लोग बिना किसी कारण के एक-दूसरे से द्वेष भाव रखते हो।
कलयुग कब शुरू हुआ था
दोस्तो महाभारत के बाद से ऐसी कई सारी अप्रिय घटनाएं घटित हुईं, जिसके बाद कलयुग के आने की गति बढ़ती ही चली गई। महाभारत के तौर पर समझने की कोशिश कीजिए जैसेकि ,श्रीकृष्ण का मनुष्य के शरीर को त्यागकर वैकुंठ गमन, पांडवों का स्वर्ग जाना, यदुवंशी कुल का विनाश होना इत्यादि ऐसी घटनाएं घटित हुई थीं, जोकि कलयुग के आने का संकेत बन गईं। कलयुग का आरम्भ 3102 ईसा पूर्व हुआ था। श्रीमद्भागवत पुराण, विष्णु पुराण तथा भविष्यपुराण में कलयुग के अंत का वर्णन देखने को मिलता है।
कलयुग का अंत कब होगा
पुराणों के आधार पर यदि कलयुग के समापन की बात की जाए तो कलयुग 4,32,000 साल तक लंबा चलेगा क्योंकि अभी तो ये कलयुग का प्रथम चरण ही चल रहा है। 3102+2024 यानी की 5126 वर्ष कलयुग के अब तक बीत चुके हैं। इसका मतलब यह हुआ कि अभी तो केवल कलयुग के 5 हजार साल ही बीते हैं। 426882 वर्ष अभी भी बाकी रह गए हैं। फिलहाल कलयुग के खत्म होने में अभी भी कई हजारों लाखों साल शेष बचे हुए हैं।
स्वर्गलोक व भूलोक में समय अलग गति से चलता है
पुराणों के आधार पर यदि देखा जाए तो कलयुग को खत्म होने में इससे भी अधिक समय लग सकता है क्योंकि भूलोक यानी की धरती पर जहां मनुष्य रहते हैं और स्वर्गलोक जहां पर देवी देवताओं का वास है, वहां पर समय अलग-अलग गति के हिसाब से चलता है। जैसेकि मान लो मनुष्य का एक महीना पितर लोक में एक दिन के बराबर है। वहीं, मनुष्य का एक साल देवी देवताओं के लिए एक दिन के समान है। जब धरतीलोक पर किसी मनुष्य के 30 साल पूरे हो जाते हैं, तो स्वर्गलोक में देवी देवताओं के लिए 30 साल एक महीने के समय के समान ही है। इसका मतलब यह हुआ है कि समय हर लोक में अलग अलग प्रकार से काम करता है।
कलयुग की चरम सीमा क्या होगी
जैसाकि आप लोगों को पहले ही बताया जा चुका है कि अभी कलयुग को गुजरे हुए केवल पांच हजार कुछ वर्ष ही बीते हैं और यह समय कलयुग का जो है वो प्रथम चरण है। विष्णु पुराण के अलावा ब्रह्मावैवर्त पुराण में कलयुग की चरम सीमा का भी काफी वर्णन किया गया है। इसके हिसाब से कलयुग जब अपनी चरम सीमा पर होगा तो दोस्तो मनुष्य की आयु (उम्र) घटकर केवल 20 साल की ही रह जाएगी। लोग जो है उम्र से पहले ही बूढ़े होना शुरू कर देंगे। पांच छः साल की स्त्रियां गर्भवती होने लगेंगी। मनुष्य जो है छोटी-छोटी बीमारियों का मुकाबला भी नहीं कर पाएंगे और मृत्यु को प्राप्त हो जाएंगे। विष्णु पुराण की भविष्यवाणी के हिसाब से धरती पर चारों तरफ सूखा पड़ जाएगा, कहीं पर भी अन्न नहीं उगेगा और भीषण गर्मी बढ़ती ही जाएगी। वहीं, हर प्रकार के मौसम के प्रभाव भीषण होंगे। जैसेकि, अधिक से अधिक बारिश होगी, अधिक से अधिक गर्मी बढ़ेगी और हड्डियां गलाने वाली अधिक से अधिक सर्दी भी पड़ेगी। ये सभी संकेत तब उभर के सामने आएंगे जब कलयुग अपनी चरम सीमा पर होगा।
अंतिम शब्द
दोस्तो मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा और आप लोगों के मन में kalyug kab khatm hoga से सम्बंधित जितने सवाल होंगे, उनके जवाब आप लोगों को मिल गए होंगे। अगर इसके वाबजूद भी आप लोगों के दिमाग में कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें। ऐसे ही और चीजें सीखने अथवा जानने के लिए आप लोग मेरी वेबसाइट HindiSehyog पर बने रहें। धन्यवाद
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