शनिवार, 14 सितंबर 2024

vishwakarma puja 17 september ko hi kyu manaya jata hai

 vishwakarma puja 17 september ko hi kyu manaya jata hai - विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है


नमस्कार दोस्तो स्वागत है आप सभी का आज की मेरी इस पोस्ट में। आज इस पोस्ट में मैं आप लोगों को बताऊंगा कि vishwakarma puja 17 september ko hi kyu manaya jata hai. बस आप सभी मेरी इस पोस्ट पर अंत तक बने रहिए।



दोस्तो, प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं। इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति को जगह जगह स्थापित करते हैं और उनकी पूरे विधि विधान से पूजा करते है.लेकिन अब सवाल ये आता है कि हर साल विश्वकर्मा पूजा का  ये त्योहार 17 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है ? तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। 



vishwakarma puja 17 september ko hi kyu manaya jata hai


प्रत्येक साल की तरह इस साल भी विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को ही मनाई जाएगी. भगवान विश्वकर्मा को संसार का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना गया है।  इसलिए इस दिन उद्योगों, कारखानों, फैक्ट्रियों और हर प्रकार की मशीनों की भी पूजा की जाती है। वैसे ज्यादातर हिंदू धर्म में हमेशा ही व्रत व त्योहारों की तारीखों में बदलाव होता रहता है लेकिन विश्वकर्मा पूजा का त्योहार हर वर्ष एक ही तिथि या तारीख को मनाया जाता है. 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाने से सम्बंधित कुछ मान्यताएं बताई गई हैं :

vishwakarma puja 17 september ko hi kyu manaya jata hai


प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को ही भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाने का प्रचलन चला आ रहा है।  vishwakarma puja 17 september ko hi kyu manaya jata hai इसके पीछे क्या वजह है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा का जन्म आश्विन कृष्ण पक्ष का प्रतिपदा तिथि में हुआ था। वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना है कि भाद्रपद की अंतिम तिथि को भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है. वहीं जन्म तिथि से अलग एक ऐसी मान्यता भी निकली जिसमें विश्वकर्मा पूजा को सूर्य के पारगमन के मुताबिक तय किया गया। यह दिन बाद में सूर्य संक्रांति के दिन के रूप में मनाया जाने लग गया। ये करीब हर साल 17 सितंबर को ही पड़ता है, इसीलिए इस  दिन भगवान् विश्वकर्मा की पूजा-पाठ की जाने लगी।

विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त 

हिंदू वैदिक पंचांग के हिसाब से, इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 7 मिनट से लेकर 11 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा की सभी लोगों पर विशेष कृपा प्राप्त होती है। 


विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja vidhi)


विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह उठकर सबसे पहले मशीनों की अच्छे तरीके से साफ-सफाई करनी चाहिए. इस दिन कार, साइकिल, मोटरसाइकिल इत्यादि वाहनों की भी पूजा की जाती है। इसलिए अपने वाहनों को भी अच्छे प्रकार से साफ करके तभी उनकी पूजा करनी शुरू करें। भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए सबसे पहले औजारों और मशीनों के साथ भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या फिर उनकी तस्वीर को पीले रंग के कपड़े पर विराजमान करें. उसके बाद भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर और औजारों का अभिषेक करें। जनेऊ के साथ फूल माला अर्पित करें और उसके बाद भोग में पांच तरह के फल और साथ में मिठाई चढ़ाएं. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की कथा अथवा कहानी को पढ़ें और सुनें। फिर जो है हवन करें. हवन पूरा हो जाने के बाद थाल में कपूर जलाकर आरती शुरू करें। आरती पूरी हो जाने के बाद भगवान विश्वकर्मा को भोग में विशेष रूप से बूंदी और बूंदी के लड्डू अवश्य चढ़ाएँ या बूंदी के लड्डुओं से उनको भोग लगाएं। 


अंतिम शब्द


दोस्तो मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा और आप लोगों के मन में vishwakarma puja 17 september ko hi kyu manaya jata hai से सम्बंधित जितने सवाल होंगे, उनके जवाब आप लोगों को मिल गए होंगे। अगर इसके वाबजूद भी आप लोगों के दिमाग में कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें। ऐसे ही और चीजें सीखने अथवा जानने के लिए आप लोग मेरी वेबसाइट HindiMeBaat पर बने रहें। धन्यवाद

कोई टिप्पणी नहीं:
Write comment