bp low hone ki wajah
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आप सभी का आज की मेरी इस पोस्ट में। आज इस पोस्ट में मैं आप लोगों को bp low hone ki wajah के बारे में बताऊंगा। बस आप सभी मेरी इस पोस्ट पर अंत तक बने रहिए।
दोस्तो हमारे शरीर के अंदर पनपने वाली काफी ऐसी बीमारियां उपलब्ध हैं जिनको कि हम अक्सर ये सोचकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि ये तो एक आम बीमारी जैसी है लेकिन हमें कोई भी कैसी भी बीमारी को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। ऐसी ही एक बीमारी का नाम है लो ब्लड प्रेशर अथवा निम्न रक्तचाप, जिसको कि अधिकतर लोग एक मामूली सी बीमारी समझकर इग्नोर कर देते हैं। जबकि लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए।
आप लोगों को लो ब्लड प्रेशर के लिए हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ब्लड प्रेशर जरूरत से अधिक कम होने पर ऑर्गन फेलियर से लेकर हार्ट अटैक पड़ने जैसी गंभीर स्थिति भी पैदा कर सकता है। संसार में ऐसे काफी संख्या में लोग मौजूद हैं जोकि लो ब्लड प्रेशर की परेशानी से जूझ रहे हैं। ये बीमारी ज्यादातर सभी को इतनी आम लगती है कि इसके लक्षणों तक के बारे में किसी इंसान को मालूम तक नहीं चलता है और इसको खुद ही किसी और शारीरिक बदलाव से या फिर आम बातों से जोड़ लेते हैं। ये उनकी केवल हेल्थ को ही नहीं बल्कि उनकी ज़िन्दगी में भी एक गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है।
लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप क्या है?
लो ब्लड प्रेशर में आप लोगों को थकान या चक्कर आना, सिर घूमना आदि चीजें पैदा हो सकती हैं। किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के रक्त चाप की नार्मल रेंज 120/80 होनी चाहिए। जब किसी भी व्यक्ति का बीपी 90/60 से नीचे जाने लगता है तो इस कंडीशन को हम लोग लो बीपी या फिर हाइपोटेंशन कहते हैं।
यदि कभी किसी इंसान की ब्लड प्रेशर की रीडिंग साधारण मात्रा से कम हो जाए तो उसको लौ बीपी की श्रेणी में नाम दे दिया जाता है। ये किसी भी इंसान को किसी भी वजह से हो सकता है। जैसेकि मानलो शरीर में पानी की कमी, सर्जरी या गंभीर चोट, दवाई का असर, आनुवंशिक या जेनेटिक लक्षण, अधिक स्ट्रेस लेना, ड्रग्स का सेवन, बुरा खान पान, ज्यादा देर तक भूखा रहना अथवा अनियमित खान पान, खराब लाइफस्टाइल इत्यादि।
लो ब्लड प्रेशर के प्रकार?
लो ब्लड प्रेशर की वजहों और कारकों के आधार पर इसके कुछ प्रकार निम्नवत हैं। जोकि इस तरह से हैं :
1. ऑर्थोस्टैटिक या पोस्टुरल हाइपोटेंशन – ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन के कारण से जब आप लोग बैठने की स्थिति से अचानक खड़े होते हैं तो हमारे शरीर की ग्रेविटी पैरों में अक्सर खून जमा कर देती है। जिससेकि रक्तचाप में अचानक से गिरावट आनी शुरू हो जाती है। ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन विशेष रूप से बुज़ुर्गों लोगों में एक आम बात है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है कि ये केवल बुजुर्गों को ही नुकसान पहुंचाती है बल्कि ये युवा या जवान लोगों को भी प्रभावित कर सकती है जोकि सेडेंटरी यानी की सुस्त जीवनशैली में अपना जीवन यापन करते हैं या फिर स्वस्थ लोग जोकि अपने पैरों को काफी लंबे समय तक पार करने के बाद या फिर एक समय तक बैठने के बाद अचानक से उठ खड़े हो जाते हैं। इस वजह से भी उनके शरीर में खून जमा होने लगता है।
2. तंत्रिका-मध्यस्थ हाइपोटेंशन: यह काफी लंबे समय तक या बहुत ही देर तक एक ही जगह खड़े रहने से होता है। बच्चों और युवा वयस्कों को ज्यादातर इस तरह का लो ब्लड प्रेशर महसूस होता है।
3. पोस्टप्रांडियल हाइपोटेंशन – खाना खाने के तुरंत बाद रक्तचाप में यह अचानक गिरावट अधिकतर बुज़ुर्गों को ही प्रभावित करती है क्योंकि आप लोगों के खाना खाने के बाद रक्त आपके पाचन तंत्र में प्रवाहित होता है। नोर्मली, आपका शरीर आपके हृदय की गति को बढ़ाने लगता है और रक्तचाप की नार्मल मात्रा को बनाए रखने में हेल्प करने के लिए कुछ रक्त वाहिकाओं के लिए संकुचित करता रहता है।
4. नेउरेली मेडिएटेड हाइपोटेंशन – ये निम्न रक्तचाप रोग हृदय एवं मस्तिष्क के बीच गलत संचार की वजह से होता है।
लो ब्लड प्रेशर के लक्षण
दोस्तो, काफी बार कुछ रोगी के शरीर में ये निम्न रक्तचाप एक अंदरूनी परेशानी का भी संकेत देता है, खासकर जब ये अचानक से कम होने लगे। लो ब्लड प्रेशर के साधारण लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं :
- चक्कर आना या फिर अचानक सिर घूमना
- उल्टी/ मतली का होना या फिर जी मिचलाना
- बेहोशी आना
- अधिक थकान होना अथवा शरीर भारी लगना
- ध्यान लगाने में समस्या होना
- आंखों के सामने अचानक से अंधेरा छाना या फिर धुंधला दिखाई देना
- हाथ-पैर ठंडे पड़ना
- चेहरा सफेद पड़ जाना
- सांस लेने में परेशानी महसूस होना
- खाना खाने में परेशानी होना
- शरीर में कमजोरी महसूस होना
- दिमाग का ठीक तरह से काम न करना या फिर कंफ्यूजन रहना
यदि डॉक्टर को ये शक है कि हृदय या फेफड़ों की स्थिति लो ब्लड प्रेशर की वजह बन रही है, तो वे निम्नलिखित प्रकार के टेस्ट कराने की आपको सलाह दे सकते हैं जैसेकि:
• एक्स-रे
• कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन
• मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन
• इकोकार्डियोग्राम
हृदय से सम्बंधित किसी विशिष्ट परेशानी को मालूम करने के लिए, आपका डॉक्टर निम्नलिखित तरह के टेस्टों को कराने की सलाह दे सकता है:
• इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) ईसीजी टेस्ट
• आप लोगों का हृदय कितने अच्छे प्रकार से रक्त पंप करता है और क्या उसको पर्याप्त रक्त आपूर्ति मिल रही है, इसका अध्ययन करने के लिए आप लोग व्यायाम तनाव टेस्ट करें।
• ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन का निदान करने के लिए टिल्ट टेबल टेस्ट
लो ब्लड प्रेशर का खतरनाक परिणाम
दोस्तो, लो ब्लड प्रेशर की कंडीशन में शरीर के अंगों में ठीक प्रकार से खून की सप्लाई नहीं हो पाती है जिससे कि स्ट्रोक, हार्ट डिजीज, किडनी फेलियर इत्यादि बीमारी होने का खतरा हो सकता है। आम ज़िन्दगी में, बीपी कम ज्यादा होने पर भी रोगी बेहोशी की स्थिति में आ सकता है। इस स्थिति में सचेत नहीं रहने उस इंसान के सिर में गंभीर चोट भी जागृत हो सकती है। ऐसी स्थिति में काफी मामलों में ब्रेन हैमरेज होने के काफी केस भी सामने आ चुके हैं। इसलिए आप लोगों को low blood pressure को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
अत्यधिक हाइपोटेंशन की कंडीशन में जान के जोखिम परिणाम भी हो सकते हैं जिसमें कि सबसे आम बातें भी शामिल हैं:
1.भ्रम सा होना, खासकर की बूढ़े लोगों में – इस बात को कईं लोग उम्र के साथ में जोड़कर उसको नज़रअंदाज़ भी कर देतें हैं।
2. बहुत ज्यादा ठण्ड लगना, बार बार सर्दी होना
3. त्वचा में चिपचिपापन होना या उसका पीला होना
4.तीव्र अथवा उथली सांस का चलना
5.कमजोर एवं तेज नाड़ी-स्पंदन/पल्स
बीपी लो होने की वजह
लो ब्लड प्रेशर मतलब की हाइपोटेंशन किसी भी इंसान को हो सकता है, हालांकि कुछ तरह के निम्न रक्तचाप आप लोगों की उम्र या फिर और किसी वजहों के आधार पर होते हैं:
अधिक उम्र
अत्यधिक देर तक खड़े होने पर या खाने के बाद रक्तचाप में गिरावट प्रमुख रूप से 60 या उससे ज्यादा उम्र के वयस्कों (बुज़ुर्गों) में होती है। नेउरेली मेडिएटेड हाइपोटेंशन ज्यादातर बच्चों व छोटे वयस्कों को अधिक प्रभावित करती है।
अत्यधिक दवाइयों का सेवन
जो लोग कुछ खास रोग या फिर बीमारियों की दवाइयां लेते हैं, जैसेकि हाइ ब्लड प्रेशर वाली दवाइयां लेने से भी लो ब्लड प्रेशर होने का खतरा बना रहता है।
शारीरिक बीमारियाँ
पार्किंसंस रोग, डायबिटीज और कुछ हृदय की स्थितियों ने आप लोगों को निम्न रक्तचाप के विकास के ज्यादा जोखिम में डाल रखा है।
शारीरिक स्थिति
शारीरिक स्थिति में आपकी प्रेगनेंसी, दिल का रोग, एंडोक्राइन प्रोब्लेम्स, डिहाइड्रेशन, दस्त लगना, संक्रमण, ब्लड लॉस यानी की खून की कमी, एलर्जी, डाइट की परेशानी, खराब दिनचर्या, खराब लाइफस्टाइल इत्यादि चीजें बाधित करती हैं।
डॉक्टर से कब सलाह लें
मेरे द्वारा ऊपर बताए गए लक्षणों में से यदि आप लोगों को कोई भी संकेत मिलता है तो एक बार डॉक्टर से इसके बारे में अवश्य बात करें और उनसे आपातकालीन (इमरजेंसी) मदद जरूर लें।
यदि आप लोगों के ब्लड प्रेशर की रीडिंग लगातार कम होती जा रही है लेकिन फिर भी आपको ठीक ठाक महसूस हो रहा है तो आप लोगों को इसके लिए डॉक्टर से रोजाना सलाह और परिक्षण करवाते रहना चाहिए।
लक्षणों को ध्यान में रखकर ये पता करने की कोशिश करें कि आखिरकार आपका ब्लड प्रेशर क्यों और कब लौ होता है या फिर किन वजहों से लौ होता है। यह आप लोगों को स्वस्थ रखने में आप लोगों की काफी मदद कर सकता है।
डाइट् और लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करें
लो ब्लड प्रेशर का कोई भी निर्मूल उपचार मौजूद नहीं है लेकिन लो ब्लड प्रेशर को अच्छी डाइट और बचाव की वजह से नियंत्रण किया जा सकता है:
- आप खाने में नमक की मात्रा को सीमित रखें। शरीर के ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में नमक अहम भूमिका निभाता है।
- दिनभर में कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी या किसी अन्य प्रकार का लिक्विड (जैसेकि फ्रूट जूस, फ्रूटी इत्यादि) पीजिए और भी चीजें जैसेकि दूध, मट्ठा, लस्सी, जूस इत्यादि ताकि हमारा शरीर हाइड्रेट बना रहे।
- झटके के साथ अचानक नीचे से ऊपर की ओर खड़े न हों।
- किसी भी दवाई को डॉक्टर की सलाह से ही लें। यदि आप लोगों को किसी दवाई से कोई एलर्जी होती है तो इससे भी आप लोगों के बीपी (BP/ Blood Pressure) पर असर पड़ सकता है।
- बहुत ज्यादा मानशिक अथवा शारीरिक स्ट्रेस (तनाव) लेने से बचने की कोशिश करें।
- बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, शराब या अन्य किसी भी तरह के धूम्रपान का सेवन करने से बचें।
- अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों को अधिक से अधिक शामिल करने की कोशिश करें।
- ज्यादा फास्ट फ़ूड (चिकनाई युक्त, तेज मिर्च मसाले वाले पदार्थ, ज्यादा तला भुना) खाने से परहेज करें।
इसके अलावा और भी काफी ऐसी घरेलु चीज़ें हैं जोकि low bp को कण्ट्रोल कर सकती हैं। सिंपल कॉफी, ब्लैक कॉफी, अधिक से अधिक पानी पीना, कच्ची चुकंदर का जूस, मौसमी का जूस, अनार का जूस, बादाम का दूध इत्यादि ये कुछ ऐसी चीजें हैं जोकि हमारे लो ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन के घरेलु उपचार में काफी अच्छी साबित हो सकती हैं।
अंतिम शब्द
दोस्तो मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा और आप लोगों के मन में bp low hone ki wajah से सम्बंधित जितने सवाल होंगे, उनके जवाब आप लोगों को मिल गए होंगे। अगर इसके वाबजूद भी आप लोगों के दिमाग में कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें। ऐसे ही और चीजें सीखने अथवा जानने के लिए आप लोग मेरी वेबसाइट HindiMeBaat पर बने रहें। धन्यवाद
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